अज़ान इस्लाम में नमाज़ के लिए पुकार है, जो हमें अल्लाह की इबादत के लिए बुलाती है। यह एक महत्वपूर्ण समय होता है, और Azan ke baad ki dua पढ़ने की सिफारिश की गई है, ताकि हम अल्लाह से रहमत और बख्शीश की दुआ कर सकें। इस दुआ का मकसद नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के लिए वसीला और मक़ाम-ए-महमूद की दुआ करना है। इस लेख में हम अज़ान के बाद की दुआ को अरबी, हिंदी, और इंग्लिश में समझेंगे, साथ ही इसकी फ़ज़ीलत और पढ़ने का सही तरीका जानेंगे।
Azan Ke Baad Ki Dua in Arabic | अज़ान के बाद की दुआ अरबी में
اللَّهُمَّ رَبَّ هَذِهِ الدَّعْوَةِ التَّامَّةِ وَالصَّلاَةِ الْقَائِمَةِ آتِ مُحَمَّدًا الْوَسِيلَةَ وَالْفَضِيلَةَ وَابْعَثْهُ مَقَامًا مَحْمُودًا الَّذِى وَعَدْتَهُ
इस दुआ को अरबी में पढ़ना अत्यधिक फायदेमंद होता है। अरबी लफ्ज़ में यह दुआ एक विशेष प्रभाव रखती है, और इसे सुनने में भी अज़ान के बाद अल्लाह के करीब महसूस किया जाता है। अरबी में इसे सही उच्चारण के साथ पढ़ने का प्रयास करना चाहिए।

Azan Ke Baad Ki Dua in Hindi | अज़ान के बाद की दुआ हिंदी में
अल्लाहुम्मा रब्बा हाज़िहिद दावतित ताम्मति वस्सलातिल क़ायमति आति मुहम्मदनिल वसीलता वल फज़ीलता वबअसहु मक़ामम महमूदनिल्लज़ी वअद्तहु
Sahih al-Bukhari 614
हिंदी में इस दुआ को पढ़ना उन लोगों के लिए आसान होता है जो अरबी भाषा में पूरी तरह से सहज नहीं हैं। इसका पढ़ने का सही तरीका इस प्रकार है कि अज़ान खत्म होने के बाद इसे एक बार पढ़ा जाए, और इसके बाद अल्लाह से अपनी ज़रूरतों के लिए दुआ की जाए।
Azan Ke Baad Ki Dua in Roman English | अज़ान के बाद की दुआ रोमन अंग्रेज़ी में
Allaahumma Rabba Haazihid Da’watit-Tammati Wassalaatil-Qaa’imati Aati Muhammadan al-Waseelata wal-Fadeelah wab’ath-hu Maqaamam Mahmoodan alladhi wa’adtahu
रोमन अंग्रेज़ी में इस दुआ को लिखने का उद्देश्य यह है कि वे लोग जो अरबी या हिंदी नहीं पढ़ सकते, वे भी इसे पढ़ सकें। सही उच्चारण का ध्यान रखते हुए इसे एक बार पढ़ा जाना चाहिए ताकि दुआ का पूरा लाभ मिले।
Azan Ke Baad Ki Dua Ka Tarjuma in Hindi | अज़ान के बाद की दुआ का तर्जुमा हिंदी में

ऐ अल्लाह! इस दावत-ए-ताम्मा (पूर्ण पुकार) और कायम होने वाली नमाज़ के रब! हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को वसीला और फ़ज़ीलत अता फरमा, और उन्हें उस मक़ामे-महमूद पर फ़ाइज़ फरमा, जिसका तूने उनसे वादा किया है।
इस दुआ का तर्जुमा हमें इसकी गहराई और उद्देश्य को समझने में मदद करता है। इसमें हम अल्लाह से पैग़ंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के लिए वसीला और मक़ाम-ए-महमूद की दुआ करते हैं, जिससे हमें अल्लाह की रहमत और नबी की शफ़ाअत (सिफ़ारिश) मिलती है।
Azan Ke Baad Ki Dua in English Meaning | अज़ान के बाद की दुआ इंग्लिश में
O Allah! Lord of this complete call and the established prayer, grant Muhammad the means and the virtue, and raise him to the praiseworthy position You have promised him.
इंग्लिश में इसका मतलब समझने से इस दुआ का महत्व बढ़ जाता है। इस दुआ में हम अल्लाह से दरख्वास्त करते हैं कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) को मक़ाम-ए-महमूद अता करें, जिससे हमें उनकी सिफ़ारिश का लाभ मिलेगा। यह एक सरल और सटीक अनुवाद है जो हमारे दिल में अल्लाह और उसके रसूल के लिए इज़्ज़त और मोहब्बत को बढ़ाता है।
Fazilat of Azan Ke Baad Ki Dua | अज़ान के बाद की दुआ का फ़ज़ीलत
अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने की कई फज़ीलतें हैं। इस्लामिक शिक्षाओं के अनुसार, अज़ान के बाद की इस दुआ को पढ़ने से हमें अल्लाह के करीब आने का मौका मिलता है और नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के लिए वसीला मांगना हमारी आख़िरत के लिए फायदेमंद है। यह दुआ पढ़ने से हमारे गुनाह माफ होते हैं, और हमें अल्लाह की रहमत नसीब होती है। इसके अलावा, इस दुआ को पढ़ने से हमारी दुआओं में ताकत आती है और हमें अल्लाह की नेमतें हासिल होती हैं।
अल्लाह के प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ ने फरमाया कि जो इंसान अज़ान के बाद ये दुआ पढ़ेगा, उसके लिए क़यामत के दिन मेरी शफ़ाअत हलाल हो जाएगी।
Sahih al-Bukhari 614
इस्लामिक विद्वानों का कहना है कि जब हम अज़ान के बाद इस दुआ को पढ़ते हैं, तो यह हमारे दिल को सुकून देती है और हमें दुनिया और आख़िरत दोनों में बेहतरी की दुआ मिलती है।
Kaise Padhein Azan Ke Baad Ki Dua | अज़ान के बाद की दुआ कैसे पढ़ें
अज़ान खत्म होने के बाद सबसे पहले एक दफा दुरूद शरीफ (जैसे दुरूदे इब्राहीम) पढ़ें। इसके बाद इस दुआ को एक बार पढ़ें। कोशिश करें कि इसे दिल से और ध्यान लगाकर पढ़ें, ताकि आपकी दुआ कुबूल हो सके।
- दुरूद पढ़ना – सबसे पहले कोई भी दुरूद शरीफ एक बार पढ़ें।
- दुआ पढ़ें – इसके बाद ऊपर बताई गई दुआ को पढ़ें।
- खुदा से दुआ करें – इसके बाद अल्लाह से अपनी जरूरतें और रहमत के लिए दुआ करें।
यह तरीका अज़ान के बाद की दुआ को पढ़ने का सही तरीका है, और इससे हमारी दुआओं में असर पैदा होता है।
Azan Ke Baad Ki Dua Ka Maqsad aur Ahmiyat | अज़ान के बाद की दुआ का मक़सद और अहमियत
अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने का मक़सद अल्लाह से अपनी इबादत को और करीब लाना है। जब हम अज़ान सुनते हैं, तो यह हमें नमाज़ की तरफ बुलाती है और अल्लाह की इबादत की याद दिलाती है। इस दुआ का मक़सद अल्लाह से रहमत और बरकत की दरख्वास्त करना और नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के लिए मक़ाम-ए-महमूद की दुआ करना है।
इस दुआ को पढ़ने से हमें अल्लाह के सामने अपनी विनम्रता और नबी के प्रति इज़्ज़त का इज़हार होता है। यह दुआ हमें दुनिया और आख़िरत दोनों में कामयाबी दिलाने का ज़रिया बनती है, और यह याद दिलाती है कि हमें हमेशा अल्लाह और उसके रसूल का ध्यान रखना चाहिए।
Ahem Sawalat Azan Ke Baare Mein | अज़ान के बारे में अहम सवाल
अज़ान के बाद की दुआ कौन सी है?
अज़ान के बाद की दुआ अरबी में पढ़ी जाने वाली एक खास दुआ है, जो ऊपर बताई गई है। इसे पढ़कर हम अल्लाह से नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) के लिए वसीला और मक़ाम-ए-महमूद की दुआ करते हैं।
अज़ान का उद्देश्य क्या है?
अज़ान का उद्देश्य मुसलमानों को नमाज़ की तरफ बुलाना है। यह हमें याद दिलाती है कि अल्लाह की इबादत के लिए समय आ गया है और हमें उसकी बंदगी करनी है।
अज़ान के वक्त क्या नहीं करना चाहिए?
अज़ान के वक्त बात-चीत से बचना चाहिए, बल्कि ध्यान से अज़ान को सुनना चाहिए और उसके बाद की दुआ पढ़नी चाहिए।
कितनी बार अज़ान दी जाती है?
दिन में पांच बार अज़ान दी जाती है, हर नमाज़ के वक्त।
अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने का क्या फ़ायदा है?
इस दुआ को पढ़ने से हमें अल्लाह की रहमत और नबी की शफाअत हासिल होती है। यह हमारी दुआओं को कुबूल करवाने का भी ज़रिया बनती है।
अज़ान का हिंदी में अनुवाद क्या है?
अज़ान का हिंदी में अनुवाद है – “अल्लाह सबसे बड़ा है, मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं, और मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अल्लाह के रसूल हैं। आओ, नमाज़ के लिए आओ।”
यह अहम सवाल अज़ान के बाद की दुआ की महत्ता और इससे जुड़े लाभ को समझने में मदद करते हैं। अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने से हमारा ईमान मज़बूत होता है, और अल्लाह की इबादत में हमारा दिल लगता है।
इस तरह, अज़ान के बाद की दुआ एक महत्वपूर्ण इबादत है, जिसे हर मुसलमान को दिल से अदा करना चाहिए।
Azan Ke Baad Ki Dua Padhne Ke Baad Mai Kya Kare? | अज़ान के बाद की दुआ पढ़ने के बाद में क्या करें?
अज़ान और इकामत के बीच का समय बहुत बरकत वाला माना गया है। इस समय में दुआएं जल्दी कबूल होती हैं क्योंकि यह वो वक्त है जब अल्लाह की रहमत और फज़ल मुसलसल नाज़िल हो रही होती है। इस समय में बंदा जो भी अपनी नेक नीयत से अल्लाह से मांगे, उसकी दुआ कबूल होने की ज़्यादा उम्मीद होती है।
हदीस का हवाला:
पैग़म्बर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने फरमाया:
“दो अज़ानों के बीच में की जाने वाली दुआ रद्द नहीं होती।”
(सहीह अबू दाऊद, हदीस नंबर 521)
इस हदीस में “दो अज़ानों” का मतलब अज़ान और इकामत के बीच के समय से है। यह समय इस्लाम में बहुत ही ख़ास माना गया है, और मुसलमानों को इस समय दुआ मांगने के लिए प्रेरित किया गया है ताकि उनकी दुआएं अल्लाह की बारगाह में मकबूल हो सकें।
Aur Bhi Padhe: Namaz Ke Baad Ki Dua