Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Full Dua In Hindi | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ

इस्लाम धर्म में अल्लाह से मदद और हिदायत मांगने के लिए कई दुआएं दी गई हैं, जिनमें से एक बेहद मशहूर दुआ है “रब्बना आतिना”. इस दुआ का महत्व इस बात में है कि यह दुआ दुनिया और आखिरत दोनों की भलाई के लिए मांगी जाती है।

इस्लाम में इसे बेहद पवित्र और फायदेमंद माना गया है। इस ब्लॉग में हम रब्बना आतिना दुआ का अर्थ, इसकी फज़ीलत, इसका तर्जुमा, और इसे कब और कैसे पढ़ा जाए इस पर चर्चा करेंगे।

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua Ka Matlab | रब्बना आतिना दुआ का मतलब

रब्बना आतिना फ़िद दुनिया दुआ का असल मतलब है: “ऐ हमारे रब, हमें दुनिया में भलाई अता कर और आखिरत में भी भलाई अता कर और हमें दोज़ख़ के अज़ाब से बचा।” यह दुआ कुरान की सूरह अल-बकरा (2:201) में दी गई है। इस दुआ में इंसान अल्लाह से दुनिया और आखिरत दोनों में भलाई की तलब करता है, साथ ही जहन्नम के अज़ाब से हिफाज़त की भी दुआ करता है।

इसका मतलब सिर्फ मटीरियलिस्टिक या दुनिया के लिए ही नहीं है, बल्कि इसका मतलब है कि अल्लाह से वह भलाई मांगी जाए जो इंसान को सच्ची खुशी और सुकून दे सके। आखिरत की भलाई का मतलब जन्नत में दाखिला और जहन्नम से नजात है।

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua Ki Ahmiyat aur Fazilat | रब्बना आतिना दुआ की अहमियत और फज़ीलत

इस दुआ को पढ़ने की अहमियत इस बात से समझी जा सकती है कि इसे हमारे प्यारे नबी हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) खुद पढ़ा करते थे। यह दुआ न केवल दुनियावी जरूरतों को पूरा करने के लिए है, बल्कि यह दिल को सुकून देने वाली और आत्मा को शांति प्रदान करने वाली दुआ भी है। रब्बना आतिना दुआ को पढ़कर इंसान अल्लाह से यह फरमाइश करता है कि उसकी दुनिया की जरूरतें पूरी हों और उसे जन्नत नसीब हो।

Hadith Ki Roshni Mein | हदीस की रोशनी में

हदीस में कई जगह पर रब्बना आतिना दुआ का उल्लेख किया गया है। हज़रत अनस (रज़ि.) से रिवायत है कि रसूलुल्लाह (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) अक्सर इस दुआ को पढ़ते थे। इसके अलावा, यह दुआ कई मुश्किल हालात में पढ़ने की सलाह दी गई है ताकि इंसान को इस दुनिया की कठिनाइयों से राहत मिले और आखिरत में जन्नत नसीब हो।

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua Ka Tarjuma | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ का तर्जुमा

रब्बना आतिना दुआ का तर्जुमा या अनुवाद हर भाषा में उपलब्ध है, ताकि इसे हर इंसान आसानी से समझ सके और इसे अपनी ज़िंदगी में शामिल कर सके।

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua In Arabic | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ अरबी में

رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَ فِي الْآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua Hindi Mein | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ हिंदी में

रब्बना आतिना फिद्दुनिया हसना व फ़िल आख़िरति हसना वक़िना अज़ाबन्नार

“हे हमारे रब! हमें इस दुनिया में भलाई दे और आखिरत में भी भलाई दे और हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा।”

Rabbana Atina Fid Dunya Hasanah Dua English Mein | रब्बना आतिना फ़िद दुनिया हसनाह दुआ अंग्रेजी में

Rabbana atina fid-dunya hasanah wa fil aakhirati hasanah wa qina 'adhaban-naar

“O our Lord! Grant us goodness in this world and goodness in the Hereafter, and save us from the torment of the Fire.”

यह तर्जुमा हर मुसलमान को यह समझने में मदद करता है कि इस दुआ के जरिए हमें अल्लाह से किस प्रकार की भलाई मांगनी चाहिए।

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Rabbana Atina Fid Dunya Kab Aur Kaise Padhen | कब और कैसे पढ़ें

रब्बना आतिना दुआ को किसी भी वक्त पढ़ा जा सकता है, लेकिन इसे खासतौर पर नमाज़ के बाद पढ़ना अत्यधिक फायदेमंद माना गया है। इस दुआ को पढ़ने का कोई खास वक्त तय नहीं है, और इसे हर मुश्किल हालात में पढ़ा जा सकता है। नमाज के बाद दुआ करने का महत्व इस्लाम में बहुत ज्यादा है, और रब्बना आतिना जैसी दुआएं पढ़कर इंसान अपने रब से रहमत की तलब कर सकता है।

कई लोग इस दुआ को रोज़ाना अपने दिन की शुरुआत में या खत्म होने से पहले पढ़ते हैं। इसके अलावा, जब भी इंसान को किसी कठिन परिस्थिति या तकलीफ का सामना करना पड़े, तब इस दुआ को पढ़ने से सुकून और राहत महसूस होती है। अल्लाह से दुनिया और आखिरत की भलाई मांगना हमेशा से एक बेहतरीन अमल माना गया है, और यह दुआ हमें उसी राह पर ले जाती है।

Is Dua Par Hadith Jo Milti Hai | इस दुआ पर हदीस जो मिलती है

हज़रत अनस ने बताया कि नबी (ﷺ) सबसे अधिक जो दुआ किया करते थे, वह यह थी:

"اللَّهُمَّ آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ"

(अल्लाहुम्मा आतिना फिद-दुन्या हसनतन, व फिल-आखिरति हसनतन, व क़िना अज़ाब-अन्नार)

Hadith – Riyad as-Salihin 1467

“ऐ हमारे रब! हमें इस दुनिया में भलाई अता फ़रमा, और आख़िरत में भी भलाई अता फ़रमा, और हमें जहन्नम के अज़ाब से बचा।”

यह दुआ, जिसे हज़रत मुहम्मद (ﷺ) ने अक्सर मांगा, दुनिया और आख़िरत दोनों की भलाई के लिए है। इसमें यह प्रार्थना है कि अल्लाह तआला इस दुनिया में अच्छी ज़िंदगी, सुख-संपत्ति, और मानसिक शांति प्रदान करे।

साथ ही, यह दुआ आख़िरत में भी भलाई के लिए है, जिसका अर्थ है कि इंसान को आखिरत में जन्नत की नेमतें और सुकून मिले। अंत में यह दुआ अल्लाह से यह भी गुज़ारिश करती है कि वह हमें जहन्नम की सज़ा से बचाए।

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Rabbana Atina Dua Se Juda Sawalat | रब्बना आतिना दुआ से जुड़े सवाल

  • रब्बना आतिना दुआ का मकसद क्या है?
    इस दुआ का असल मकसद है अल्लाह से दोनों जहां में भलाई और नेमतें हासिल करना। इंसान इस दुआ के जरिए अपने रब से दोज़ख से बचाव और दुनिया में बरकत की तलब करता है।
  • क्या यह दुआ सिर्फ नमाज के बाद ही पढ़ी जाती है?
    नहीं, यह दुआ किसी भी समय, किसी भी जगह पढ़ी जा सकती है। हालांकि, इसे नमाज़ के बाद पढ़ना एक अच्छी आदत मानी जाती है। इसके अलावा, मुसीबतों के वक्त और रोजमर्रा की जिंदगी में भी इसे पढ़ने का सुझाव दिया गया है।
  • रब्बना आतिना दुआ की फज़ीलत क्या है?
    इस दुआ की फज़ीलत यह है कि इसे पढ़ने वाला अल्लाह से दुनिया और आखिरत दोनों की भलाई मांगता है। यह दुआ हमारी दुआओं में शामिल करके हम अल्लाह से रहमत और बरकत हासिल कर सकते हैं।
  • क्या रब्बना आतिना को रोज़ पढ़ना जरूरी है?
    रोज़ इस दुआ को पढ़ने से इंसान के दिल में अल्लाह का खौफ और सुकून बस्ता है। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) खुद इसे अक्सर पढ़ते थे, जिससे इसकी एहमियत और बढ़ जाती है।
  • रब्बना आतिना दुआ कहां से मिली?
    यह दुआ कुरान की सूरह अल-बकरा की आयत 2:201 में है। इसका जिक्र खुद अल्लाह ने कुरान में किया है, और इसे पढ़ने वाले को अल्लाह से दोज़ख़ से बचने और जन्नत में दाखिल होने की दुआ मांगने की प्रेरणा दी जाती है।

रब्बना आतिना दुआ एक ऐसी दुआ है जो हर मुसलमान की जिंदगी में अहम स्थान रखती है। इसके जरिए इंसान अपने रब से हर तरह की भलाई और सुकून की दुआ करता है। हमे चाहिए कि इस दुआ को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएं और अपनी हर दुआ में इसे शामिल करें ताकि हम दुनिया और आखिरत दोनों में अल्लाह की रहमत और बरकत हासिल कर सकें।

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