सोने की दुआ एक महत्वपूर्ण अमल है, जो रात को सोने से पहले पढ़ी जाती है। इस्लाम में हर रोज़मर्रा की क्रियाओं को अल्लाह की याद के साथ करने की तरबियत दी जाती है, और सोना भी इसका एक हिस्सा है। दुआ पढ़कर सोने से न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि रातभर के दौरान हमारी हिफाज़त भी होती है। यहाँ पर हम Sone ki dua के फायदे, पढ़ने का सही तरीका और इसके साथ कुछ सुन्नत और आदाब के बारे में जानेंगे।
Sote Waqt Ki Dua | सोते वक़्त की दुआ
रात को सोने से पहले एक खास दुआ पढ़नी चाहिए जो हमारे प्यारे नबी मुहम्मद (ﷺ) ने बताई है। यह दुआ हमें अल्लाह की पनाह में सोने का मौका देती है। यह बुरी ख्वाबों और शैतानी असर से भी हमारी हिफाज़त करती है।

Sone Ki Dua in Arabic | सोने की दुआ अरबी में
اللهم بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا
Sone Ki Dua in Hindi | सोने की दुआ हिंदी में
अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमुतु व अहया
Sone Ki Dua in English | सोने की दुआ इंग्लिश में
Allahumma Bismika Amootu Wa Ahya
Tarjuma (Translation) of Sone Ki Dua | सोने की दुआ का तर्जुमा
“ऐ अल्लाह! मैं तेरे नाम के साथ सोता हूँ और तेरे नाम के साथ ही उठूंगा।”
इस दुआ का मतलब है कि हम अपनी ज़िन्दगी और मौत, दोनों अल्लाह के हाथ में सौंप रहे हैं। सोते वक्त यह पढ़ने से यह यकीन मिलता है कि हमारा सब कुछ अल्लाह की हिफाज़त में है।
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Sone Ka Sunnat Tareeqa | सोने का सुन्नत तरीका
हमारे प्यारे नबी (ﷺ) ने सोने का एक मसनून तरीका बताया है जो हर मुसलमान के लिए आदर्श है। इसमें कुछ अहम आदाब और एहकाम शामिल हैं जो सोने को एक इबादत बनाते हैं।
Masnoon Tareeqa for Sleeping | सोने का मसनून तरीका
- वुज़ू करके सोना: सोने से पहले वुज़ू करना सुन्नत है। यह हमारे दिन के सारे गुनाहों को धो देता है और रात को हमारी हिफाज़त करता है।
- बिस्तर को झाड़ना: सोने से पहले अपने बिस्तर को तीन बार झाड़ लें। इस अमल से बिस्तर पर किसी भी गंदगी या शैतानी असर को दूर कर सकते हैं।
- दाईं करवट लेटना: नबी (ﷺ) हमेशा दाईं करवट पर सोते थे। यह तरीका सेहत के लिए भी फायदेमंद है और इस्लामी तरीकों का पालन करने का एक अमल भी है।
- तीन सूरह का पढ़ना: सोने से पहले सूरह अल-इख्लास, सूरह अल-फलक और सूरह अल-नास पढ़ना चाहिए। इससे हम शैतान के असर से महफूज़ रहते हैं।
Adab of Sleeping | सोने का आदाब
- आयतुल कुर्सी: सोने से पहले आयतुल कुर्सी पढ़ना भी बहुत फायदेमंद है। इससे हमारी और हमारे परिवार की सुरक्षा होती है।
- पहला कलमा और दुरूद शरीफ: अगर आपको नींद नहीं आ रही है तो दुरूद शरीफ और पहला कलमा पढ़ते रहें। इससे मन शांत होगा और नींद जल्दी आ जाएगी।
Raat Ko Uthne Ki Dua Hadith Se Sabit | रात को उठने की दुआ

अगर रात के दौरान किसी भी कारण से आपकी आँख खुल जाए, तो इस दौरान भी एक दुआ पढ़ी जा सकती है। इसे पढ़ने से अल्लाह की विशेष रहमत हासिल होती है और एक सुकून मिलता है कि अल्लाह हमें हिफाज़त में रखे हुए हैं।
हमारे प्यारे नबी मोहम्मद ﷺ ने फरमाया: "जो इंसान रात को सोया और अचानक उसकी आँख खुली रात में, और उसने सबसे पहला काम यह किया कि उसने यह दुआ पढ़ी - ला इलाहा इल्लल्लाह, वहदहु ला शरीक लहू, लहुल-मुल्क, वलहुल-हम्द, वहुवा अला कुल्लि शैइ-इन क़दीर। अल-हम्दु लिल्लाहि, व सुभानल्लाहि, व ला इलाहा इल्लल्लाह, वल्लाहु अकबर, व ला हौला वला कुव्वता इल्ला बिल्लाह। अल्लाहुम्मा, इग़फिर ली,
तो अल्लाह (सुभानहु व तआला) उसकी हर दुआ कुबूल करता है। और अगर उसने वुजू किया और नमाज़ पढ़ी, तो उसकी नमाज़ भी कुबूल की जाएगी।”
Hadith – Sahih Bukhari 1154
इस हदीस का मतलब यह है कि जब कोई व्यक्ति रात में सोते-सोते अचानक जाग जाए और सबसे पहले वो अल्लाह का ज़िक्र करते हुए एक दुआ पढ़े, तो उस समय उसकी सभी दुआएं कुबूल होती हैं। अगर वह व्यक्ति फिर वुजू कर के नमाज़ अदा करता है, तो उसकी नमाज़ भी अल्लाह की बारगाह में कुबूल होती है।
इसमें यह समझाया गया है कि रात का समय खास तौर पर अल्लाह से बात करने और अपनी दुआएं कबूल करवाने का होता है। जब इंसान रात के उस सुकून भरे समय में जाग कर अल्लाह का ज़िक्र करता है, तो अल्लाह उसकी दुआओं को खास रहमत के साथ सुनता है।
Subah Uthne Ki Dua in Hindi | सुबह उठने की दुआ हिंदी में
अल्हम्दुलिल्लाहिल्लजी अहयाना बअदा मा अमातना व इलैहिन नुशूर
Subah Uthne Ki Dua in English | सुबह उठने की दुआ इंग्लिश में
Alhamdu Lillahil Lazi Ahyana Baada Ma Amatana Wa Ilaihin Nushur
इसका तर्जुमा है: “सारी तारीफ उस अल्लाह के लिए है जिसने हमें मौत (नींद) के बाद ज़िन्दगी दी, और हमारी वापसी उसी की ओर है।” यह दुआ पढ़कर हम दिन की शुरुआत अल्लाह का शुक्र अदा करके करते हैं और उस पर निर्भर होकर अपने काम की शुरुआत करते हैं।
Sone Ki Dua Ke Fayde | सोने की दुआ के फायदे
सोने की दुआ पढ़ने से कई फायदे होते हैं, यह हमारी इबादत और अल्लाह की याद का एक हिस्सा बन जाती है।
Protection and Peace | सुरक्षा और सुकून
सोने की दुआ पढ़ने से हम अल्लाह की हिफाज़त में सोते हैं। इसके पढ़ने से मन को सुकून और शांति मिलती है। यह बुरी ख्वाबों और शैतानी असर से हमारी रक्षा करता है, और अल्लाह की रहमत हम पर बनी रहती है।
Spiritual Benefits | आध्यात्मिक लाभ
यह दुआ हमें याद दिलाती है कि हर रात सोना एक छोटी मौत की तरह है और सुबह उठना एक नई ज़िन्दगी का अहसास देता है। इससे हमारा ईमान मजबूत होता है, और हम अल्लाह का शुक्र अदा करते हुए नई शुरुआत करते हैं।
Ehkaam Aur Sunnat | एहकाम और सुन्नत
इस्लाम ने हर चीज़ का एक तरीका और आदाब तय किया है। सोना भी एक इबादत हो सकता है अगर हम इसे सुन्नत के तरीके से करें।
Sone Ki Dua Ka Mahatv | इस्लाम में सोने की दुआ का महत्व
इस्लाम में सोने की दुआ और उसके आदाब का खास महत्व है। अल्लाह और नबी (ﷺ) ने हर एक छोटे-बड़े अमल को इबादत का रूप दिया है। सोने की दुआ से हमारी रात भी अल्लाह की याद के साथ गुज़रती है।
Sone Ki Dua Ke Saath Aur Kya Padhe Hadith Se Sabit
अल्लाह के रसूल ﷺ ने फरमाया: "अगर कोई व्यक्ति रात में सूरह अल-बक़रह की आख़िरी दो आयतें पढ़ता है, तो वे उसके लिए पर्याप्त होंगी।"
Hadith - Sunan Abi Dawud 1397
इस हदीस में अल्लाह के रसूल ﷺ ने बताया है कि अगर कोई मुसलमान रात में सोने से पहले सूरह अल-बक़रह (क़ुरआन के दूसरे अध्याय) की आखिरी दो आयतें (आयत 285 और 286) पढ़ लेता है, तो ये आयतें उसके लिए काफी होंगी। इसका मतलब यह है कि ये आयतें उसे अल्लाह की सुरक्षा में रखती हैं और उसकी सभी ज़रूरतों और समस्याओं के लिए पर्याप्त होती हैं।
इस हदीस से यह सिखने को मिलता है कि इन आयतों का पढ़ना इंसान के लिए रात भर की हिफ़ाज़त और सुरक्षा का साधन बनता है। यह एक तरीके से अल्लाह की ओर से सुरक्षा कवच है जो हमें हर बुराई से बचाता है और हमें अल्लाह के करीब लाता है।
Surah Baqrah Aakhri 2 Ayat
آمَنَ الرَّسُولُ بِمَا أُنزِلَ إِلَيْهِ مِن رَّبِّهِ وَالْمُؤْمِنُونَ ۚ كُلٌّ آمَنَ بِاللَّهِ وَمَلَائِكَتِهِ وَكُتُبِهِ وَرُسُلِهِ لَا نُفَرِّقُ بَيْنَ أَحَدٍ مِّن رُّسُلِهِ ۚ وَقَالُوا سَمِعْنَا وَأَطَعْنَا ۖ غُفْرَانَكَ رَبَّنَا وَإِلَيْكَ الْمَصِيرُ (285) لَا يُكَلِّفُ اللَّهُ نَفْسًا إِلَّا وُسْعَهَا ۚ لَهَا مَا كَسَبَتْ وَعَلَيْهَا مَا اكْتَسَبَتْ ۗ رَبَّنَا لَا تُؤَاخِذْنَا إِن نَّسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تَحْمِلْ عَلَيْنَا إِصْرًا كَمَا حَمَلْتَهُ عَلَى الَّذِينَ مِن قَبْلِنَا ۚ رَبَّنَا وَلَا تُحَمِّلْنَا مَا لَا طَاقَةَ لَنَا بِهِ ۖ وَاعْفُ عَنَّا وَاغْفِرْ لَنَا وَارْحَمْنَا ۚ أَنتَ مَوْلَانَا فَانصُرْنَا عَلَى الْقَوْمِ الْكَافِرِينَ (286)
Hindi Transliteration:
आमना-र्रसूलु बिमा उन्ज़िला इलैहि मिर-रब्बिहि वल-मुअ’मिनून। कुल्लुं आमना बिल्लाहि व म-लाइकतिहि व कुतुबिहि व रु-सुलिहि ला नुफर्रिकु बैना अहदिन मिन रु-सुलिहि। व क़ालू समिआना व अताआना, गुफ़रानक रब्बना व इलैकल-मसीर (285)ला युकल्लिफुल्लाहु नफ्सन इल्ला वुसअहा, लहा मा कसबत व अलैहा मा-क्तसबत। रब्बना ला तुअाख़िज़्ना इन्-नसीना औ अ-ख़्तअना। रब्बना व ला तहमिल अलैना इस्रन कमा हमलतहू अलल्लज़ीना मिन क़ब्लिना। रब्बना व ला तु-हमिलना मा ला ताक़ता लना बिह। व-अ’फु अन्ना व-अ’ग्फ़िर लना व-रहमना, अन्त मावलाना, फंसरना अलल-क़ौमिल-काफ़िरीन (286)
Other Recommended Surahs for Sleep | नींद के लिए अन्य अनुशंसित सूरह
रात को सोने से पहले सूरह मुल्क और सूरह सजदा पढ़ना भी अच्छा माना गया है। इन सूरह को पढ़कर सोने से कब्र के अज़ाब से हिफाज़त होती है और रात को सुकून मिलता है।
FAQs | सामान्य प्रश्न
Kaun Si Dua So Kar Uthte Waqt Padhen? | कौन सी दुआ सो कर उठते वक्त पढ़ें?
सो कर उठते समय अल्हम्दुलिल्लाहिल्लजी अहयाना बअदा मा अमातना व इलैहिन नुशूर पढ़ना चाहिए। इससे दिन की शुरुआत अल्लाह के शुक्र के साथ होती है।
Islam Mein Raat Ko Sone Ki Dua Kaun Si Hai? | इस्लाम में रात को सोने की दुआ कौन सी है?
रात को सोने से पहले अल्लाहुम्मा बिस्मिका अमुतु व अहया पढ़ना सुन्नत है। यह दुआ हमें अल्लाह की पनाह में सोने का मौका देती है।
Neend Ke Liye Konsa Surah Acha Hai? | नींद के लिए कौन सा सूरह अच्छा है?
नींद के लिए सूरह मुल्क और आयतुल कुर्सी पढ़ना बहुत फायदेमंद है। यह सुरह हमें सुकून देती है और कब्र के अज़ाब से हिफाज़त करती है।
इस तरह, सोने से पहले दुआ पढ़कर सोने का तरीका हमें अल्लाह की हिफाज़त में रखता है और हमारा ईमान मजबूत करता है। हमें इस अमल को रोज़ाना की आदत बना लेनी चाहिए ताकि हर रात हमारी इबादत में शामिल हो।